प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार अमेरिका में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) सेशन में हिस्सा नहीं लेंगे। उनकी जगह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जो भारत का भाषण देंगे।
यह फैसला ऐसे समय आया है जब भारत–अमेरिका व्यापार तनाव चर्चा में है। खबरों के मुताबिक, टैरिफ विवाद और ऊर्जा नीतियों ने दोनों देशों के रिश्तों में नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। ऐसे में मोदी का UN मंच से पीछे हटना एक सोच-समझी कूटनीतिक रणनीति को दर्शाता है, जहाँ वे सीधे उच्च-स्तरीय वार्ताओं और प्राथमिक मुद्दों पर ध्यान दे रहे हैं।
भारत की वैश्विक छवि के लिए यह अनुपस्थिति नहीं, बल्कि एक स्मार्ट उपस्थिति है। जयशंकर के भाषण से भारत की आवाज़ UN में गूंजेगी, वहीं मोदी दूसरे अहम मंचों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
आज के बदलते भू-राजनीतिक दौर में यह कदम भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाता है—जहाँ राष्ट्रीय हित और वैश्विक साझेदारी दोनों संतुलित रूप से आगे बढ़ते हैं।

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